भारत भू को बाँट रहे
कर गुणगान इतिहास का ये जो भारत भू को बाँट रहे
निवाला एक देकर हमे ये जो रस मलाई को चाट रहे
पथ भटके हो करतब उनके तुम नहीं समझ पाओगे
खो चुके आपस का भाई चारा कैसे संभल पाओगे
लड़ाकर तुम्हे एक दूसरे से देखो ले अब वो ठाठ रहे
तू मुसलमान मैं हिन्दू तू जाट मैं चमार बता फर्क क्या है
तू पढता नमाज मैं करता आरती जरा बता हर्ज क्या है
लाल करवाकर आँख हमारी दुश्मन नंगे वो नाच रहे
हम सबका है ये देश बीज प्यार के पुरखों ने बोए है
आज नहीं तो कल हम सबने पिता और बेटे खोए है
फिर होते कौन हैं प्रमाणपत्र देशभक्ति के जो बाँट रहे
कर गुणगान इतिहास का ये जो भारत भू को बाँट रहे
निवाला एक देकर हमे ये जो रस मलाई को चाट रहे