भारत तूझे नमन है
(देशभक्ति कविता)
जवान ने कभी
हार न मानी
देशभक्ति से
सदा रहा सराबोर
एक अकेला
रह गया था
एक चौकी पर
वह शत्रुओ के बीच
नहीं खोया उसने
मनोबल
भारत का वह था
सैनिक एक
पोजीशन ले कर
आत्मबल से उसने
रायफल संभाली
फिर अंधाधुंध फायरिंग की
उसने चहुँओर
शत्रु होने लगे धराशायी
त्राहि त्राहि मचा दी उसने
अब तक आ गयी फोर्स
विजय पताका फहरा
रही है
तिरंगा गर्व कर रहा
भारत माँ के सपूतों पर
गणतंत्र दिवस अमर रहे
भारत माता की जय
बोल रहा हर भारतीय
शुभकामनाएं और बधाई
देता हर नागरिक
26 जनवरी की शुभबेला पर
मनोबल और आत्मबल
सदैव ऊँचा रखना है
हर भारतवासी को
तभी विश्व में गूंजेगा
भारत तेरा गुणगान
स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल