भारत जान हमारी है
भारत माता का बटवारा करने की क्यों तैयारी है,
देश के गद्दारों से कह दो,
ये भारत शान हमारी है,
ये भारत जान हमारी।
गुल और गुलशन फिर दोनों को काटने की क्यों तैयारी है,
ये भारत जान से प्यारी है,
ये भारत शान हमारी है।
प्यार भरा है, मान भरा है,
हमने अपने दिलों में तो,
फिर इस दिल में गद्दारी का त्रिशूल गड़ा है क्यों,
अरे,
हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई इस धरती की शान है,
इन लोगों की एकता देखो,
ये मिल कर करते काम है,
ये मिल कर करते काम है,
अरे,
हिंदू अपने मुस्लिम अपने सिख और ईसाई भी अपने,
फिर कैसे आते गद्दारों को देश अलग करने के सपने।
अरे,
हिंदू-मुस्लिम सब मिलकर बोलो,
ये धरती तो हमारी है,
हममें भेद करने वालों के मुंह पे गोली हमने मारी है,
हमने मुंह पे गोली मारी है।
मंदिर बाटी, मस्जिद बाटी,
वेद-कुरान भी बाट दिया,
धरती तो बाटी ही बाटी पानी तक को बाट दिया।
अब फिर भारत माता का चौथा टुकड़ा करने की क्यों तैयारी है,
देश के गद्दारों से कह दो,
भारत शान हमारी है,
ये भारत जान हमरी है।
अरे देशद्रोह, आतंकवाद से हमको देश बचाना है,
आगे बड़ कर मिल जुल कर,
अपने भारत को विश्व गुरु बनाना है,
हमको विश्व गुरु बनाना है,
इतिहास के पन्नों में,
इंकलाब छपवाने की तैयारी है,
देश के गद्दारों से कह दो,
भारत शान हमारी है,
ये भारत जान हमारी है।