भारत के जोगी मोदी ने —
काव्य सर्जन —
भारत के जोगी मोदी —
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भारत में अलबेली प्रातः का,सुखद सवेरा आया है।
भारत के जोगी-मोदी ने, केसरिया लहराया है।
महाशक्ति बन चमका भारत,डंका खूब बजाया है।
भारत के जोगी- मोदी ने, केसरिया लहराया है
कर्मवीर इस अथक शेर का,सपना बहुत निराला है।
देश विदेश में धूम धड़ाका, भारत जग में आला है।
झूठे मक्कार चीन,पाक को, नाकों चने चबाया है।
भारत के जोगी- मोदी ने, केसरिया लहराया है।
खिली अयोध्या राम विराजे, देव- सुमन बरसाते हैं।
कनक से मंडित विश्वनाथ जी,शुचि जल पग धुलवाते हैं।
मिटी अधम की काली बदली,अमर उजाला आया है।
भारत के जोगी- मोदी ने, केसरिया लहराया है।
गुल-गुलशन-गुलजार हुए हैं, बसंत बहार आईं हैं।
अस्त्र-शस्त्र फौलादी सेना, शौर्य ध्वजा फहराई है।
प्रहरी सजग,संत ये नेता,अरि का शीश झुकाया है।
भारत के जोगी- मोदी ने, केसरिया लहराया है।
राघव सा मर्यादित आचरण, बजरंगी बल सीने में।
माधव सा है बुद्धि चातुर्य, सेवा- साधक जीने में।
स्वर्णाक्षर में अंकित भारत,भूमण्डल हरषाया है।
भारत के जोगी- मोदी ने, केसरिया लहराया है।
✍️ सीमा गर्ग मंजरी
मौलिक सृजन
मेरठ कैंट उत्तर प्रदेश।