भारत की संस्कृति
भारतवर्ष की संस्कृति के, सीधे सरल विचार हैं
सारी धरती ईश्वर की है, विश्व एक परिवार हैं
जन जन सुखी रहे धरती पर, भारत का यही विचार है
सर्व धर्म संभाव रहे, चहुं ओर सुखी जनमानस हो
अन्याय आतंक मुक्त धरा, प्रेम शांति कायम हो
ना जातिभेद न रंग भेद , न अंचल का साया हो
सब मिलजुल कर रहें धरा पर, अमन शांति ही नारा हो
कोई ना पीड़ित रहे धरा पर, अब न कोई शोषित हो
वंचित को मिल जाए हक, ऐसा कानून जरूरी हो
ना घातक हथियार बने, न होड़ धरा पर कायम हो
शांति प्रेम और करुणा के, बमों का अब उद्घाटन हो
सुरेश कुमार चतुर्वेदी