भारत की फुलवारी के फूल
हे भारत की फुलवारी के फूल ,
हे भारत रत्नों के मूल ! छोड़े जा रहे इन डालियों को ,
अनन्त मीलों मील दूर ! जिन्होने औरों के लिए जिया ,
जीवन भर औरों के आँशू पीया ! किया नहीं जीवन का मोल ,
कलम उनकी जय बोल ! जीवन जीया राष्ट्र के खातिर ,
त्यागा अपना कुटुम्बकं लक्ष्यं प्यार ! मानों युं भूल गयें मत,मजहब अडिंग हुए जब धर्म कर्तव्य के पथ ,
निरन्तर दुर्धित करते गये,अनुचित,अधर्म,अन्याय का रथ ! जीवन भर किया कण-कण दान , प्रकृति नियमानूसार सो गये , दे महान अभिमान ! शत्-शत् आघातों को सह कर मांगा नहीं स्नेह मुह खोल , कलम आज इनकी जय बोल !!
((मेरा उन भारतीयों फूलों को कोटि-कोटि प्रणाम ))