भारत की पुकार
करुणा भरी इक पुकार मां की जिसने बच्चो को पुकारा है,
घर में रहकर सुनो पुकार उसकी क्यूंकि यह भारत हमारा है,
जरूरी नहीं लड़ाई हो जब सरहद पर तभी शौर्य हम अपना दिखाएंगे,
जरूरत है हर वर्ग तक मदद पहुंचाने की इसमें कदम पीछे न हटाएंगे,
बहुत कर लिया चीन का विकास हमने अब बारी है अपने देश की,
आयात को बन्द नहीं कर सकते पर अपना सकते हैं हर चीज स्वदेश की,
खरीदते वक़्त सामान को देखते उसकी डेट और रेट हम,
आया वक़्त कहां से आया यह सामान अब देखेंगे गौर से हम,
हालत हुई जो आज प्रवासियों की उसको दोबारा न होने देंगे,
करेंगे हर संभव कोशिश पर भारत को फिर ऐसे न कभी हम रोने देंगे,
कर रहे जो कोशिश देश बचाने की इंसानियत को भी शामिल करेंगे,
हो रहे अब हर रूप में तैयार क्यूंकि अपने भारत को हम ही हर मुश्किल से बचाएंगे