भारत का यश-गान
आओ मिलकर दिया जलाएँ।
आओ मिलकर दिया जलाएँ।।
केशर की क्यारी से शौभित,
कश्यप की गरिमा से गर्वित,
भारत माता के मष्तक पर,
विजय दीप की ज्योत जगाएँ…;;
आअो मिलकर दिया जलाएँ……!
नदियों का आधार हिमालय,
औषध का भंडार हिमालय,
अमरनाथ की इस चोंटी पर,
दिव्य सुगंधित अर्क चड़ाएं…. ;;
आओ मिलकर दिया जलाएँ……!!
स्वर गौरव का गान जहाँ पर,
सांदिपनी का ज्ञान जहाँ पर,
माँ नर्मदा की जलधारा से,
महाकाल अभीषेक कराएं….. ;;
आओ मिलकर दिया जलाएँ…….!!
प्रकट भए जहाँ रामलला जी,
रास रचे जहाँ कृष्णलला जी,
उस पावन उत्तर भूमि पर,
भक्ति ज्ञान का अलख जगाएँ…;;
आओ मिलकर दिया जलाएँ……!!
संस्कार का देश है भारत,
संस्कृति का परिवेश है भारत,
“कान्हा” कहे इस पुण्य भूमि पर
कोटि जीवन पुष्प चड़ाए…. ;;
आओ मिलकर दिया जलाएँ…….!!
?सर्वाधिकार सुरक्षित?
कान्हा सोनी…….. ✍