— भारत का बिरादरी वाद —
कभी खत्म नही होगा
बिरादरी वाद का सिलसिला
बेशक राजनीति का खेल हो
या किसी भी खेल का मेला !!
कोई जीता या बना हो नेता
सब ने बिरादरी को दिया न्योता
इसी लिए तो फूट है पड़ती
जो भी देखा फिर सर चढ़ बोला !!
कभी न दूर कर पायेगा कोई भी
भारत देश से इस कलक को
हैं तो सारे इंसान यहाँ पर पड़ी है
सब को बिरादरी की लगाओ गोता !!
एक झंडे के तले सब हैं भारतवासी
पर लाखों झंडो के हैं घट घट वासी
सब ने मिलकर लूटा हर समाजवासी
यह नही पता अब कौन कहाँ का वासी !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ