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17 Jan 2022 · 1 min read

भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में मुसलमान नेताओं का योगदान

टीपू सुल्तान, जिसके मारे जाने पर,ब़िटिस कमांडर जनरल हार्ट कहा था अब हिंदुस्तान हमारा है।
सन् १८५७ बहादुर शाह ज़फ़र क़ांति के प्रतीक बने,
वेगम हज़रत महल १८५७
लखनऊ में हजारों मुस्लिम शहीद
१८८३में देवबंद के मदरसे से मौलाना रशीद अहमद गंगोही अलीगढ़ के मौलाना लुत्फुल्लाह ने फतवा जारी किया
लाखों मुसलमान आंदोलन में कूद पड़े
१८६३ में विहार का वहाबी आंदोलन, हजारों मुसलमानों को काला पानी, फांसी की सजा
१९१२ में इस्लामी ख़िलाफत का अंत, भारत में ख़िलाफत आंदोलन, हिन्दू मुस्लिम एकता
मौलाना मुहम्मद अली जौहर ने गांधी जी को, महात्मा की उपाधि दी
मौलाना हसरत मोहानी, मौलाना ज़फ़र अली खां
डॉ मुख्तार अंसारी, सैफुद्दीन किचलू, मौलाना अबुल कलाम आज़ाद एवं की मुसलमान नेताओं ने गांधी जी का साथ दिया
एवं स्वतंत्रता आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया एवं देश के लिए शहीद हुए।
अंग्रेजों ने एक विशेष रणनीति के तहत, हिन्दू मुस्लिम को बांटने का काम किया और वे सफल हो गए।
अंत में अंग्रेजों ने जिन्ना को को वहका कर पाकिस्तान बनबा दिया,जो दोनों देशों की जनता को मुसीबत बना हुआ है।
क्या कभी ऐसा हो,जब हमारा देश फिर से भारत बर्ष बन जाए ?

Language: Hindi
Tag: लेख
3 Likes · 4 Comments · 169 Views
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