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28 Jan 2021 · 1 min read

भारतीय सैनिक कोबरा वाहिनी 207 दो सौ सात ।

कविता :- 3(15) हिन्दी
-: भारतीय सैनिक कोबरा वाहिनी 207 दो सौ सात । :-

भारतीय सैनिक फौज मुख्यालय बंगाल की कोबरा दो सौ सात , 207
समझ में कुछ नहीं आता , किससे करूं तुलना आपके साथ ।

कमल से करूं क्या ?
न ना वह तो सिर्फ सूर्य की रोशन किरण में ही खिली रहती है ।
आप तो सदैव नदी की तरह गतिमान है ,

क्या मैं आपकी तुलना धुप से कर सकता हूं ,
अगल कर सकता हूं तो आप धूप नहीं बल्कि एक पेड़ है ,

जहां समस्त जीव – जन्तु आपके पास रहते है ,
धूप- वारिश स्वंय सहकर आप उनकी निगरानी में रहते हैं ।

हे भारतीय सैनिक आपकी आत्मा नदी की तरह बड़ा है ,
और आप पर्वत हिमालय की तरह खड़ा है ।

ना आपकी तुलना किसी से नहीं हो सकते है ,
स्वंय को वीरगति पाकर आप भारत माता के संतान को सुरक्षित रखते हैं ।।

® ***** रोशन कुमार झा ??
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
बी.ए प्रथम वर्ष हिन्दी आनर्स Sec:-H4 Roll no:-26
मो :- 6290640716
28-12-2017 गुरुवार , यह मेरा पहला कविता है, जो मैक लेकर बोले Narasinha Dutt College St John Ambulance से सालबनी हाई स्कूल में कैम्प शिविर रहा
तीसरा डायरी ममता दीदी वाला ।
27-12-2018 है :-9(056) Intex से
3(015) है :-9(056) (Ncc 19 Bn :-9(19)

Language: Hindi
363 Views
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