भारतीय सेना है चीते
भारतीय सेना है चीते
भारतीय सेना है चीते
सिर उठा के है जीते
धड़ – धड़ गोली धूके
शत्रु के सर है फूटे
रक्त – रंजित लाश बिछे
उसके ऊपर मक्खी झूमे
कुत्ते- बिल्ली लाश खींचे
कारगिल युद्ध है छिड़े
भारतीय सेना है चीते
तभी तो यह युद्ध है जीते
तिरंगे में लिपटना है पसंदीदे
कायरों सा पीठ नही दिखाते
लाखों गोलियों सहते सीने
उफ्फ तक नहीं है कहते
हम भारत मां के लाल है कहते
शहीद,वीर जवान है कहलाते
इनकी कुर्बानी याद है आते
इसे कभी भी देशवासी नही भुलाते
सीने से ही इसे लगाते
गुणगान हम सदा इसके गाते।
जय हिंद।
रचनाकर
संतोष कुमार मिरी
भूतपूर्व सैनिक(13BN IR BATALION BANGO KORBA CG)
छत्तीसगढ़