भारतीय संविधान की हस्तलिखित पांडुलिपि में चित्र
भारतीय संविधान की पांडुलिपि के चित्र, भारत की गौरव गाथा गाते हैं
५०००बर्षों का, भारत का स्वर्णिम इतिहास दर्शाते हैं
२६नवंबर १९४९ को की चर्चाओं और संशोधन कर
संविधान अंगीकार किया
संप्रभु, पंथनिरपेक्ष, समाजवादी, लोकतांत्रिक गणतंत्र दिया
हस्तलिखित पांडुलिपि में, पृष्ठों पर जगह ऊपर नीचे ख़ाली थी
भारतीय संस्कृति पृष्ठभूमि को, क्यों न भरा जाए सहमति बनी
शांति निकेतन के ख्यातनाम कलाकार, नंदलाल बोस को नेहरु जी आमंत्रित किया
२२ रेखा चित्रों से,बोस और उनके शिष्यों ने संस्कृति के आदर्शों से भरा
भारतवर्ष में राम राज्य, आदर्श सदा से पहचाना जाता है
इसी लिए मौलिक अधिकारों में, राम का चित्र जगह पाता है
पहले भाग में मोहन जोदड़ो काल की मोहरें हैं
स्वर्णिम सभ्यता का, दुनिया को जो इतिहास बताता है
दूसरे भाग (नागरिकता) में, वैदिक काल के गुरूकुल आश्रम हैं
तीसरे भाग (मौलिक अधिकार) में, श्री राम की लंका विजय है
चौथे भाग (राज्य के नीति निर्देशक तत्व) में अर्जुन को उपदेश देते श्रीकृष्ण हैं
पांचवें भाग में महात्मा बुद्ध, छठवें भाग में महावीर स्वामी हैं
सातवें भाग में सम़ाट अशोक, आठवें भाग में गुप्त काल है
नौवें भाग में विक्रमादित्य, दसवें भाग में नालंदा है
भाग ११ में उड़ीसा की स्थापत्य कला,भाग १२में नटराज हैं
भाग १३में गंगावतरण, १४वे भाग में मुगल कालीन कला
भाग १५ में शिवाजी गुरु गोबिंद सिंह,१६में रानी लक्ष्मीबाई हैं
भाग १७एवं १८में दांडी यात्रा, नोआखली की शांति यात्रा है
भाग १९में सुभाष चन्द्र बोस,भाग २०में हिमालय पर्वत है
भाग २१ में रेगिस्तान क्षेत्र,भाग २२ में हिंद महासागर है
अंतिम पृष्ठ पर संविधान सभा के, सदस्यों के हस्ताक्षर हैं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी