भाग्य समय का
कोई तो शौध करो मेरे भाग्य पे,
आखिर क्या क्या लिख रखा है ख़ुदा ने,
काल ने सौदा किया मृत्यु से मेरे कि काल में,
कोई तो पूछो तिखे प्रशन उनसे,
ऐसा अन्याय क्यो किया मुझपे,
आखिर कोई तो प्रशन करो विधाता से,
आंचल पे लगा दाग़ बदनामी का,
ना जाने और कितने राज़ छुपा रखा भविष्य ने,
कोई तो देखो मेरे नज़र से,
कितनी तड़प रही हु मै,
रोकने मौत के इस तांडव का,
कोई तो उपाई बताओं,
धरती को श्मशान बनने से पहले,
कोई तो लेप आशा का लगाओ,
समय पे लगे कलंक से कोई तो मुझे बचाओ।