*भाग्य विधाता देश के, शिक्षक तुम्हें प्रणाम (कुंडलिया)*
भाग्य विधाता देश के, शिक्षक तुम्हें प्रणाम (कुंडलिया)
भाग्य विधाता देश के, शिक्षक तुम्हें प्रणाम
गढ़ते हो तुम देश को, मौन भाव अविराम
मौन भाव अविराम, राष्ट्र की पूॅंजी सच्ची
तुम देते आकार, उन्हें जो मिट्टी कच्ची
कहते रवि कविराय, नमन हे ज्ञान-प्रदाता
नमन-नमन सौ बार, नमन हे भाग्य विधाता
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615 451