“भाई”
जब तू संग है ,
तो कहाँ जंग है।
मेरा दुश्मन तो ,
मेरा हौसला देखकर ही दंग है
और वो कहाँ झेल पायेगा ,
तेरे चेहरे की चमक
मेरा दुश्मन तो मुझसे ही तंग है।।
मनीष कुमार
जब तू संग है ,
तो कहाँ जंग है।
मेरा दुश्मन तो ,
मेरा हौसला देखकर ही दंग है
और वो कहाँ झेल पायेगा ,
तेरे चेहरे की चमक
मेरा दुश्मन तो मुझसे ही तंग है।।
मनीष कुमार