भाई..मैं निभाऊँ रीत नई !
भाई … मैं निभाऊँ रीत नई!
जो तू आ जाता भाई
बाँधती राखी तेरी कलाई
देती सब सुख तुझ पर वार
आँचल संजोती तेरा प्यार
तो क्या जो तुम नहीं पास
मन अधीर थोड़ा उदास
लेकिन फिर खिल मुसकता
जब तेरा संदेसा आता
रक्षा मेरी प्रण तुम्हारा
सुख दुःख देते साथ हमारा
जो कभी गए आँसू छलक
एक कर दिए तुमने जमीं फलक
मैं इस बार बनाऊँ रीत नई
तोड़ूँ रूढ़िवाद रिवाज कई
प्रण लूँ मैं यह मेरी इच्छा
जीवन भर करूँ तेरी सुरक्षा
रेखांकन।रेखा