भाई बहन का प्रेम
भाई बहन का प्रेम
भाई बहनका प्रेम अनोखा
कहें विजय का लेख।
एक हाड़ी के है दुई दाना
अंतर हृदय को देख।।
बच्छर दिन नहीं है बंधन
जन्म जन्म का रेख।
भाई बहन काप्रेम अनोखा
कहें विजय का लेख।।
जन्म दिन पर दोनों मिल
काट रहे थे केक।।
धीरे-धीरे दुर हुएं हैं, और
नाप सके न प्रेम।।
बड़े प्रेम से है लगे हुए
चिड़ियां के दो पाखी।
श्रद्धा भाव से स्वीकार
बहन हृदय के राखी।।
रक्षा करना मेरा भईया
बनकर दोनों आंखी।
बृद्धन, का जस सहारा
रहता सुखी लाठी।।
न रखना मतभेद कभी
न देवे उपहार
पवित्र बंधन भाई बहन का
है राखी का त्योहार
डां विजय कुमार कन्नौजे
पिता,,स्व श्री गणेश राम कन्नौजे
माता,,स्व श्री मति सुखरी बाई कन्नौजे
अमोदी आरंग
ज़िला रायपुर छ ग
मो न 7724800871
8889916113