भाई जरा संभलकर ये मुंबई है – कटु अनुभव ( संस्मरण )
भाई जरा संभलकर ये मुंबई है – कटु अनुभव ( संस्मरण )
सन 2016 की बात है मैं अपनी पत्नी के साथ भतीजी की शादी में मुंबई गया | चूंकि शादी एक दिन बाद की थी सो
हमने मुंबई घूमने का प्रोग्राम बनाया | मैं , मेरी पत्नी, भांजी एवं दामाद जी , बड़ी बहन , जीजाजी , छोटी बहन एवं
उसका बेटा हम सभी सबसे पहले सिद्धि विनायक जी के मंदिर दर्शन के लिए गए | भीड़ बहुत थी | धक्का –
मुक्की चल रही थी फिर भी किसी तरह से हमें सिद्धि विनायक जी के दर्शन संभव हुए |
इसके बाद हम और आगे बढ़े बाबा हाजी अली जी के दरबार में हाजिरी के लिए | यहाँ भी भीड़
बहुत थी किन्तु आसानी से दरबार में प्रवेश मिल गया | हमने बाबाजी को चादर पेश की | थोड़ा समय हमने समंदर
की लहरों का नजारा लेने में खर्च किया | इसके बाद हम मुख्य सड़क पर आ गए और कुछ खाने का विचार मन में
आया | बात मेंगो शेक पर आकर रुकी | मुख्य सड़क पर ” हाजीअली जूस कार्नर ” के नाम से एक दुकान थी
हमने चार ग्लास मेंगो शेक का आर्डर किया जब बिल भरने का समय तो हमारे पैरों के नीचे से जमीं खिसकने लगी
| बिल था “680/-” छः सौ अस्सी रुपये | हमने पूछा मैडम ये मेंगो शेक तो हम हमारे यहाँ ज्यादा से ज्यादा 20 रुपये
में पीते हैं | पर एक सौ सत्तर रुपये एक ग्लास का | हमारी गलती केवल इतनी थी कि हमने दाम नहीं पूछा और
आर्डर कर दिया |
इस घटना को आपके साथ साझा करने का एक ही उद्देश्य था कि आप जब भी मुंबई जाएँ कुछ भी
खरीदने से पहले उसका दाम अवश्य पूछ लें | अन्यथा आपको भी हमारी तरह ………………|