भविष्य प्रश्न
कैसा होता है भविष्य?
हर पल अदृश्य
हर कल
जी हाँ! आने वाला हर कल!
होता है मात्र छल
छिपा रहता है पर्दे के पीछे
जिसे पकड़ने के लिए
अकुलाती हैं हमारी अंगुलियाँ
बढ़ते हैं हमारे हाथ
उसी अनुपात में
सरकता है भविष्य का परदा
साथ साथ
छिप जाता है फिर
आने वाला कल
जाने कैसा रहस्य है
कैसा परदा पड़ा है
हर आने वाले कल के सामने
और हम
भयभीत हैं उस अदृश्य से
कुशल चाहते हैं अपनी ही
दूसरे की आड़ में
तभी तो
हाँ….तभी तो
भेजते हैं
मित्रों-परिचितों को
नित्य ही शुभकामना संदेश