Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jun 2019 · 1 min read

भले ही जीतने की जंग अब भी जारी है

भले ही जीतने की जंग अब भी जारी है
मगर ये हार भी देखो कभी न हारी है

गुरूर मत करो शोहरत पे अपनी तुम इतना
ये चार दिन की ही मेहमान बस तुम्हारी है

नशा तो बोलता शोहरत का सर पे यूँ चढ़ के
उतरती मुश्किलों से इसकी फिर खुमारी है

सगी हुई नहीं शोहरत कभी किसी की भी
निभाई है न किसी से भी इसने यारी है

हँसों या रोओ यहाँ ‘अर्चना’ ये है मर्ज़ी
सभी को खेलनी पर ज़िन्दगी की पारी है

10-06-2019
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद

1 Like · 401 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all
You may also like:
क्षमा देव तुम धीर वरुण हो......
क्षमा देव तुम धीर वरुण हो......
Santosh Soni
विश्वास करो
विश्वास करो
TARAN VERMA
तुम गर मुझे चाहती
तुम गर मुझे चाहती
Lekh Raj Chauhan
जख्म पाने के लिए ---------
जख्म पाने के लिए ---------
लक्ष्मण 'बिजनौरी'
गर जानना चाहते हो
गर जानना चाहते हो
SATPAL CHAUHAN
आखिर मैंने भी कवि बनने की ठानी MUSAFIR BAITHA
आखिर मैंने भी कवि बनने की ठानी MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
जिंदगी भर हमारा साथ रहे जरूरी तो नहीं,
जिंदगी भर हमारा साथ रहे जरूरी तो नहीं,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
क्रांतिकारी किसी देश के लिए वह उत्साहित स्तंभ रहे है जिनके ज
क्रांतिकारी किसी देश के लिए वह उत्साहित स्तंभ रहे है जिनके ज
Rj Anand Prajapati
ہر طرف رنج ہے، آلام ہے، تنہائی ہے
ہر طرف رنج ہے، آلام ہے، تنہائی ہے
अरशद रसूल बदायूंनी
रजा में राजी गर
रजा में राजी गर
Satish Srijan
खाने को पैसे नहीं,
खाने को पैसे नहीं,
Kanchan Khanna
तू गीत ग़ज़ल उन्वान प्रिय।
तू गीत ग़ज़ल उन्वान प्रिय।
Neelam Sharma
व्यापार नहीं निवेश करें
व्यापार नहीं निवेश करें
Sanjay ' शून्य'
सुमति
सुमति
Dr. Pradeep Kumar Sharma
सीमा प्रहरी
सीमा प्रहरी
लक्ष्मी सिंह
दो दिन का प्यार था छोरी , दो दिन में ख़त्म हो गया |
दो दिन का प्यार था छोरी , दो दिन में ख़त्म हो गया |
The_dk_poetry
रामचरितमानस
रामचरितमानस
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
*रिश्तों को जिंदा रखना है, तो संवाद जरूरी है【मुक्तक 】*
*रिश्तों को जिंदा रखना है, तो संवाद जरूरी है【मुक्तक 】*
Ravi Prakash
देवा श्री गणेशा
देवा श्री गणेशा
Mukesh Kumar Sonkar
कोई मोहताज
कोई मोहताज
Dr fauzia Naseem shad
प्रेम गजब है
प्रेम गजब है
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
राम नाम सर्वश्रेष्ठ है,
राम नाम सर्वश्रेष्ठ है,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
हिंदी मेरी माँ
हिंदी मेरी माँ
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
बिस्तर से आशिकी
बिस्तर से आशिकी
Buddha Prakash
शोषण खुलकर हो रहा, ठेकेदार के अधीन।
शोषण खुलकर हो रहा, ठेकेदार के अधीन।
Anil chobisa
तहजीब राखिए !
तहजीब राखिए !
साहित्य गौरव
फिर से अरमान कोई क़त्ल हुआ है मेरा
फिर से अरमान कोई क़त्ल हुआ है मेरा
Anis Shah
💐प्रेम कौतुक-559💐
💐प्रेम कौतुक-559💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
आँखों से भी मतांतर का एहसास होता है , पास रहकर भी विभेदों का
आँखों से भी मतांतर का एहसास होता है , पास रहकर भी विभेदों का
DrLakshman Jha Parimal
जमाने में
जमाने में
manjula chauhan
Loading...