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12 Dec 2020 · 1 min read

भला बुरा कब देखेगी

यह औरों का भला बुरा कब देखेगी
सियासत सिर्फ अपना मतलब देखेगी

झोंक देगी सबको नफ़रत की आग में
ना जात देखेगी ना मज़हब देखेगी

कितना भी पोशीदा कर लो गुनाहों को
वो जो निगाहे गैब है वो सब देखेगी

कोई नहीं आएगा तेरा गमख्वार बनके
यह दुनिया बस गम का सबब देखेगी

1 Like · 6 Comments · 253 Views
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