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1 May 2024 · 1 min read

भला अपने लिए ऐसी हिमाक़त कौन करता है

भला अपने लिए ऐसी हिमाक़त कौन करता है
चराग़ों की हवाओं से हिफ़ाज़त कौन करता है

उसूलों की बहुत सी बात करते हैं जहाँ में सब
उसूलों के लिए जाइज़ हिमायत कौन करता है

ज़रा सी बात पर इंसान सब रिश्ते भुला देता
यहाँ अपने किए पर अब नदामत कौन करता है

जिसे देखो उसे अपने ख़ज़ाने की ही फ़िक्रें हैं
ग़रीबों के निवालों की क़यादत कौन करता है

कहा बिल्कुल नहीं मैंने जहाँ सारा मुनाफ़िक़ है
मगर मज़लूम के हक़ में बग़ावत कौन करता है
~अंसार एटवी

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