Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Sep 2023 · 1 min read

*भर दो गणपति देवता, हम में बुद्धि विवेक (कुंडलिया)*

भर दो गणपति देवता, हम में बुद्धि विवेक (कुंडलिया)
_______________________
भर दो गणपति देवता, हम में बुद्धि विवेक
सत्पथ पर आगे बढ़ें ,सदा वृत्ति हो नेक
सदा वृत्ति हो नेक, अशुभ फल कभी न चाहें
बसें जहॉं शुभ लाभ, वहीं अपनी हों राहें
कहते रवि कविराय, प्रथम पूजित यह वर दो
बढ़े परस्पर प्रेम, नेह हृदयों में भर दो
—————————————-
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

175 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
माँ भारती की पुकार
माँ भारती की पुकार
लक्ष्मी सिंह
" दोषी "
Dr. Kishan tandon kranti
माना नारी अंततः नारी ही होती है..... +रमेशराज
माना नारी अंततः नारी ही होती है..... +रमेशराज
कवि रमेशराज
संसार एवं संस्कृति
संसार एवं संस्कृति
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
..
..
*प्रणय*
इश्क़ का क्या हिसाब होता है
इश्क़ का क्या हिसाब होता है
Manoj Mahato
चले हैं छोटे बच्चे
चले हैं छोटे बच्चे
कवि दीपक बवेजा
उत्थान राष्ट्र का
उत्थान राष्ट्र का
इंजी. संजय श्रीवास्तव
माटी
माटी
AMRESH KUMAR VERMA
करना है कुछ खास तो, बनो बाज से आप।
करना है कुछ खास तो, बनो बाज से आप।
डॉ.सीमा अग्रवाल
दर्द की धुन
दर्द की धुन
Sangeeta Beniwal
नया से भी नया
नया से भी नया
Ramswaroop Dinkar
वो केवल श्रृष्टि की कर्ता नहीं है।
वो केवल श्रृष्टि की कर्ता नहीं है।
सत्य कुमार प्रेमी
मन भर बोझ हो मन पर
मन भर बोझ हो मन पर
Atul "Krishn"
* साथ जब बढ़ना हमें है *
* साथ जब बढ़ना हमें है *
surenderpal vaidya
सफलता की ओर
सफलता की ओर
Vandna Thakur
***वारिस हुई***
***वारिस हुई***
Dinesh Kumar Gangwar
घाटे का सौदा
घाटे का सौदा
विनोद सिल्ला
नशीली आंखें
नशीली आंखें
Shekhar Chandra Mitra
*चेतना-परक कुछ दोहे*
*चेतना-परक कुछ दोहे*
Ravi Prakash
जिसको जीवन का केंद्र मान कर प्रेम करो
जिसको जीवन का केंद्र मान कर प्रेम करो
पूर्वार्थ
*कलम उनकी भी गाथा लिख*
*कलम उनकी भी गाथा लिख*
Mukta Rashmi
तेरे जाने का गम मुझसे पूछो क्या है।
तेरे जाने का गम मुझसे पूछो क्या है।
Rj Anand Prajapati
क्या ग़ज़ब वाक़या हुआ
क्या ग़ज़ब वाक़या हुआ
हिमांशु Kulshrestha
नाम लिख तो दिया और मिटा भी दिया
नाम लिख तो दिया और मिटा भी दिया
SHAMA PARVEEN
अपने ख्वाबों से जो जंग हुई
अपने ख्वाबों से जो जंग हुई
VINOD CHAUHAN
*उधो मन न भये दस बीस*
*उधो मन न भये दस बीस*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
क्या होगा लिखने
क्या होगा लिखने
Suryakant Dwivedi
पुष्प
पुष्प
Dhirendra Singh
3839.💐 *पूर्णिका* 💐
3839.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
Loading...