भरोसा करना है, मुझे…
जिंदगी जीना है, मुझे…
आगे बढ़ना है, मुझे..
मगर क्या करूँ?
भरोसा करना है, मुझे…
एक नहीं इस दुनिया मे हज़ार मिलेंगे…
भरोसा तोड़ने वाले…
मगर क्या करूँ ?
फिर भी आगे बढ़ना है, मुझे…
भरोसा करना है, मुझे….
जो माँ मुझसे इतना प्यार करती हैं..
जो पिता मेरी जरूरतों की कमियों को, एहसास नही होने देता..
जो भाई मेरा रक्षक है..
मैं कैसे इनके प्यार को भूल सकता हूँ..
जिंदगी जीना है, मुझे ..
आगे बढ़ना है, मुझे…
भरोसा करना है, मुझे..
जो बहनों का है साथ, मुझे …
जो भाभी का दुलार, मुझे…
नन्हे बच्चो का प्यार, मुझे…
मै कैसे रुक सकता हूँ..
नहीं-नहीं जिंदगी जीना हैं, मुझे…
आगे बढ़ना है, मुझे…
भरोसा करना है, मुझे…
?जै हिन्द जै भारत वन्दे मातरम?
?ज्ञानेंद्र सिंह कुशवाहा?