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22 Dec 2020 · 1 min read

भरत जी के हिय में

घनाक्षरी

रामसिय लखन की
खबर जु जावन की
भरत जी के हिय में
ज्वाला जलन लगी ।

मात कैकयी को पूछै
इधर उधर खोजै
मति भ्रष्ट मंथरा के
केश खीचन लगी ।

भातृ बिन नाहीं भावै
नाही कछु सूझ पावै
लीला त्रलोकी बिन तो
जिया पिसन लगी ।

चल पड़त कानने
रामसिय जी को लाने
खडाऊं प्रभुवर की
लेके लोटन लगी ।

Language: Hindi
73 Likes · 1 Comment · 359 Views
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