भतीजी (लाड़ो)
प्यारी सी मुस्कान तेरी,
दिल में बस जाती है,
जब तू बुआ कहकर,
छन छन दौड़ी आती है।
अपने छोटे छोटे सपनों में,
तू मुझे सामिल करती हैं,
और अपने सुंदर चित्रों में,
बुआ के मन के रंग बिखरती है।
मामूली से तोफे भी,
अपनी मुस्कान से शानदार बनाती है,
रूह को सुकून मिल जाता है,
जब तू पास आकर गले लगाती है।
मन भर आता है,
जब खिलौनों में भी तू,
मेरी थाली सजाती है।
मेरी लाड़ो मुझे सबसे ज़्यादा भाती है।
प्यारी सी मेरी आहना,
तू जब खिल खिलाकर हसती है,
ऐसा लगता है की,
हम सबकी जान तुझमें बसती है।