भटक ना जाना मेरे दोस्त
भटक ना जाना मेरे दोस्त तुम इन जिंदगी की राहों में
राहों में मिलेंगे यहां तुम्हे कई कांटे कई फूल भी
जमाना खराब बहुत है लोग लाजवाब बहुत है
राहों में मिलेंगे यहां तुम्हें कई अच्छे कई बुरे लोग भी
जिंदगी नाजुक बहुत है मेरे दोस्त
रुख कब किस ओर ले पता नहीं किसी को
आयेंगे कई पड़ाव ऐसे तेरी जिंदगी में मेरे दोस्त
जिस पर चलकर लक्ष्य अपना तुम्हें बनाना है
बदलती रंग बहुत है ज़िंदगी मेरे दोस्त
मत रंग जाना तुम उन रंगों में जो तुम्हें खराब करें
अहम पहली है ये जिंदगी मेरे दोस्त
सुलझा कर जिसे तुम्हें नाम अपना बनाना हैं
भटक ना जाना मेरे दोस्त
जो तुम्हें बर्बाद करें लाचार करें
उन राहों पर चलने को जो तुम्हें खराब करें