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16 Jan 2020 · 1 min read

भटक कर जग से जब प्राणी तेरे दरबार आया है।(भक्ति गीत)

भटक कर जग से जब प्राणी तेरे दरबार आया है।
सकल संसार का सुख माँ तेरे चरणों में पाया है।।
गुजरता जा रहा जीवन तू भी पछतायेगा इक दिन।
किया जो दान वो जोड़ा जो जोड़ा सब गँवाया है।।

करे कैसे तेरा सुमिरन ये मन चंचल दिवाना है।
तिजोरी छोड़कर सबको ही खाली हाथ जाना है।
तरेगा तू भजन से ही ये झूठी मोह माया है।।
सकल संसार का सुख माँ—–

मिले अब राज वैभव या गरीबी में गुजारा हो।
खुशी या गम रहे लेकिन तुम्हारा ही सहारा हो।
किये थे कर्म जो पिछले जनम का ऋण चुकाया है।।
सकल संसार का सुख माँ——

जो टूटी साँसों की माला कहानी सी कहेंगे सब।
कि पत्नी द्वार तक बेटा चले श्मशान तक ही अब।
जो प्यारे जान से ज्यादा थे उनको भी जलाया है।।
सकल संसार का सुख माँ——

श्रीमती ज्योति श्रीवास्तव
साईंखेड़ा

Language: Hindi
Tag: गीत
2 Comments · 258 Views
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