भजन
आइ जइयो श्याम माखन खाने
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आइ जइयो श्याम माखन खाने-2
माखन खाने दिल वहलाने ।। आइ जइयो………..
हम बाट जोहती रहती हैं,
अखियाँ असुअन से बहती हैं ।
लोचन दरसन के ललचाने ।। आइ जइयो………..
बिन समझे तुमसे नेह किया ,
परवस तुमसे स्नेह किया ।
मन माने नहिं बहु समझाने ।। आइ जइयो……….
ये जीवन तुमको सोंप दिया ,
हिय में प्रेम पौधा रोप दिया ।
आइ जइयो श्याम निक दिल लगाने।। आइ जइय
तुमने हमरा चित चोर लिया ,
दुनिया से नाता तोर दिया ।
आइ जइयो श्याम कृपा बरसाने।। आइ जइयो….
सुधि में गउयें भी रँभाइ रहीं ,
गये हो तब से नहिं खाइ रहीं ।
आइ जइयो श्याम गउऐं चराने ।।आइ जइयो……
मोरों ने नाचना छोड़ दिया ,
जीवन से नाता तोड़ दिया ।
आइ जइयो मोर मुकुट बँधवाने ।। आइ जइयो….
जड़ – चेतन सब अकुलाइ रहे,
नहिं करि रहे कछु नहिं खाइ रहे ।
आइ जइयो धीर नेंक धरवाने ।। आइ जइयो…….
करि कृपा हमरो मन लै जाओ,
तन धन जीवन भी ले जाओ।
आइ जइयो श्याम नेंक हर्षाने ।।आइ जइयो…….
गोप- गोपी सब सुधि बुधि भूले,
बेसुधि लगि रहे लंगड़े लूले ।
आइ जइयो श्याम सुधि बँधवाने ।। आइ जइयो ..
:- डाँ0 तेज स्वरूप भारद्वाज