भजन
नहीं रुके हम नहीं थके होकर, अविराम चलें।
चलो चलो हम दर्शन करने खाटू धाम चलें।
सुना है मैंने बाबा सबको
मन वांछित फल देते हैं।
कृपा दृष्टि से भक्तों की
सब विपदाएं हर लेते हैं।
आओ मिलकर सच्चे मन से रटते नाम चलें।
चलो चलो हम………….
भव सागर तर जाते वो
जो जाते दर पर हैं।
हारे को देते हैं सहारा
वो सर्वेश्वर हैं।
जयकारे गुंजायमान कर, ध्वज को थाम चलें।
चलो चलो हम…………….
खाटू वाले श्याम करेंगे
पूरी इच्छा तेरी ।
नयन दर्श को प्यासे कब तक
करूँ प्रतीक्षा तेरी।
होकर शरणागत हम करने, पुण्य प्रणाम चलें।
चलो चलो हम………………
अभिनव अदम्य