Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Sep 2024 · 1 min read

भजन -आया श्याम बुलावा- अरविंद भारद्वाज

आया श्याम बुलावा
आया श्याम का मुझे बुलावा, जाकर भोग चढ़ाना
श्याम द्वारे खाटु जाना, मन में अब यह ठाना।।

दीन दुखी की पीड़ा हरता, हारे का वो सहारा
पार लगाए भक्त की नैया, बैठा है जो किनारा
जान चुका हूँ महिमा उनकी, अन्तर्मन ने माना
श्याम द्वारे खाटु जाना, मन में अब यह ठाना।।

खाटू श्याम के दर्शन करके, भक्त एक है लौटा
भेंट हुई मुझे उसने बताया,वहाँ नही कोई छोटा
दानवीर वहाँ निर्धन को भी, खिला रहे है खाना
श्याम द्वारे खाटु जाना, मन में अब यह ठाना।।

सुना है खाटू जो भी पहुँचा, श्याम ने पार लगाया
मन्नत पूरी हुई है उसकी, चैन सकून वो पाया
श्याम छवि को अन्तर्मन में,मुझको आज बसाना
श्याम द्वारे खाटु जाना, मन में अब यह ठाना।।

© अरविन्द भारद्वाज

Language: Hindi
Tag: Bhajan
15 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
तिमिर घनेरा बिछा चतुर्दिक्रं,चमात्र इंजोर नहीं है
तिमिर घनेरा बिछा चतुर्दिक्रं,चमात्र इंजोर नहीं है
पूर्वार्थ
हम पर एहसान
हम पर एहसान
Dr fauzia Naseem shad
ଏହା ହେଉଛି ପବନ
ଏହା ହେଉଛି ପବନ
Otteri Selvakumar
*रोते बूढ़े कर रहे, यौवन के दिन याद ( कुंडलिया )*
*रोते बूढ़े कर रहे, यौवन के दिन याद ( कुंडलिया )*
Ravi Prakash
अतीत का अफसोस क्या करना।
अतीत का अफसोस क्या करना।
P S Dhami
शब्द -शब्द था बोलता,
शब्द -शब्द था बोलता,
sushil sarna
Two scarred souls and the seashore, was it a glorious beginning?
Two scarred souls and the seashore, was it a glorious beginning?
Manisha Manjari
उलझ गई है दुनियां सारी
उलझ गई है दुनियां सारी
Sonam Puneet Dubey
" जीत "
Dr. Kishan tandon kranti
फिर एक आम सी बात पर होगा झगड़ा,
फिर एक आम सी बात पर होगा झगड़ा,
Kalamkash
कजरी (वर्षा-गीत)
कजरी (वर्षा-गीत)
Shekhar Chandra Mitra
''फॉलोवर्स
''फॉलोवर्स" का मतलब होता है "अनुगामी।"
*प्रणय प्रभात*
That poem
That poem
Bidyadhar Mantry
संवेदना सुप्त हैं
संवेदना सुप्त हैं
Namrata Sona
किस-किस को समझाओगे
किस-किस को समझाओगे
शिव प्रताप लोधी
जिंदगी
जिंदगी
अखिलेश 'अखिल'
हम जो थोड़े से टेढ़े हो रहे हैं
हम जो थोड़े से टेढ़े हो रहे हैं
Manoj Mahato
3108.*पूर्णिका*
3108.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जब कोई रिश्ता निभाती हूँ तो
जब कोई रिश्ता निभाती हूँ तो
Dr Manju Saini
जासूस दोस्त
जासूस दोस्त
Kshma Urmila
बदलाव की ओर
बदलाव की ओर
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
गुम सूम क्यूँ बैठी हैं जरा ये अधर अपने अलग कीजिए ,
गुम सूम क्यूँ बैठी हैं जरा ये अधर अपने अलग कीजिए ,
Chaahat
पल पल रंग बदलती है दुनिया
पल पल रंग बदलती है दुनिया
Ranjeet kumar patre
हर पाँच बरस के बाद
हर पाँच बरस के बाद
Johnny Ahmed 'क़ैस'
दुकान मे बैठने का मज़ा
दुकान मे बैठने का मज़ा
Vansh Agarwal
छिपी रहती है दिल की गहराइयों में ख़्वाहिशें,
छिपी रहती है दिल की गहराइयों में ख़्वाहिशें,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
पंडित मदनमोहन मालवीय
पंडित मदनमोहन मालवीय
नूरफातिमा खातून नूरी
व्यंग्य आपको सिखलाएगा
व्यंग्य आपको सिखलाएगा
Pt. Brajesh Kumar Nayak
मन की कामना
मन की कामना
Basant Bhagawan Roy
Loading...