भगवा रंग छाएगा
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/283f91a8f8539df990ef157a33893499_3a6b056af180b610f99afcaae3ce15ef_600.jpg)
भगवा रंग छाया है आगे भी भगवा छाएगा,
भारतवर्ष के जनमानस में केसरिया लहराएगा।
मंदिर -मंदिर धाम सजेंगें राम राज आ जायेगा,
भारत मां के आंगन में फिर नया सवेरा आएगा।।
गली – गली में कमल खिलेगा लोभी गुंडे भागेंगे,
चोर लफंगे घूसखोर कोने भी नजर न आवेंगे।
ओजस्वी भाषण वाला विख्यात मुखर वक्ता होगा,
मंजिल अपनी प्रत्यक्ष लिए भारत मां का भक्ता होगा।।
ब्रह्मा ,लक्ष्मी सरस्वती का आसन है ये कमल पुष्प,
सुंदरता शांति का प्रतीक सन पच्चास बना राष्ट्रीय फूल।
पुनः गूंजेगा सत्य सनातन हर भारतवासी हिस्सा होगा,
वही पुरानी परिपाटी का पुनः नया किस्सा होगा।।
संतो संग रहने वाले का भला कौन अपकार करे,
फिर भी अगर समझ न आए निज चरणों में वार करे।
तीन सौ सत्तर हटा दिया है रामलला निज गृह आए,
मिट्टी की सौगंध है खाई देश नहीं मिटने देगा।।
भगवा रंग बड़ा चोखा है न कोई रंग टिकने देता,
टोपी लाल या काली हो सबके रंग फीके कर देता
जम्मू कश्मीर में शांति लौटी आगे भी सब मंगल होगा,
सीमा पर जवानो के संग होली , दीवाली मनेगा ।।
अनामिका तिवारी” अन्नपूर्णा “✍️✍️✍️