भगवान से भगवान दास..
एक दिन भगवान मेरे सपने में आए और मुझसे बोले- ” बेटा बोल तू क्या चाहता है, इतना परेशान क्यों है..?”
मैंने भी भगवान को सपने में अपने बिस्तर पर खड़े देखा तो पहले चौंक गया और फिर चिंतित हो गया..!
पर भगवान तो अंतर्यामी ठहरे, वो तो घट घट की बात समझते हैं। इसलिए भगवान बोले- ” बेटा तू चौंक मत, मैं सच में तेरे सामने खड़ा हूँ पर तेरे बिस्तर पर नहीं खड़ा हूँ सो चिंता ना कर टूटेगा नहीं..”
भगवान की बात सुन मुझे यकीन हो गया कि ये सच में भगवान हैं क्योंकि इन्होंने तो मेरे मन की जान ली।
मुझे दुविधा में पड़ा देख भगवान बोले- ” बेटा इतना समय नहीं है कि तू सोचा बिचारी करता रहे और मैं तेरे सामने ऐसे ही खड़ा रहूँ, जो मांगना है मांग ले जल्दी..”
मैंने भगवान की तरफ देखा और सोचा, ” बात सही है अगले की, अभी पता नहीं किस किस को नींद से जगाना होगा..”
इस बार भगवान गुस्से से बोला- ” कुछ मांग रहा है या जाऊं..”
भगवान को इतना व्यस्त देखकर मैं बोला- ” पहले मैं जान तो लू तुम भगवान हो या रामलीला का भगवान दास हो जो मारीच बनता है..”
मेरा प्रश्न सुन भगवान खीझ पड़ा और बोला- ” बेटा इतना सियानापन कतई ठीक नहीं है, एक तो तुम को कुछ देने भी आओ ऊपर से तुम्हारा पेपर और पास करो..!”
मैं बोला- ” कौन सा चपरासी का पेपर है सो तू पास नहीं कर पाएगा, तू तो अंतर्यामी है मेरे मन के अंदर के प्रश्न जानकर तू मिनट से पहले उत्तर दे देगा..!”
भगवान बोला- ” चल ठीक है, जल्दी पूछ..!”
” तू भगवान है.?”
” हाँ मैं भगवान हूँ..?”
“तो तू ऐसा पत्थर बना सकता है जिसे तू भी ना उठा पाए..?”
” ये क्या बकबास सवाल है..?” भगवान बुरा सा मुँह बनाते हुए बोला
” बकबास क्या.? सवाल है, क्योकि भगवान तो कुछ भी कर सकता है.!”
” कुछ भी से क्या मतलब है, मैं तेरे बाप का नौकर लग रहा हूँ सो तेरा झाड़ू पोछा भी करूँगा?” भगवान खीझते हुए बोला।
भगवान की बात सुन मुझे समझ आया कि यार बाप सच में बड़ी चीज है। तभी मैं बोला- ” यही कि इंसान जो सोच सकता है वही सब तू कर सकता है।”
भगवान ने मेरी बात सुनी और बोला ऐसा कर तू कुछ और पूछ.!
” ठीक है..!”
” तो ये बता तू इतना छोटा छेद बना सकता है जिसमें होकर तू भी ना निकल सके..?”
” ये क्या फालतू की बकबास कर रहा है” भगवान खीझते हुए बोला, ” अब मैं जा रहा हूँ, मुझे कोई नौकरी नहीं चाहिए सो तेरा इंटरव्यू दूँ..!”
इतना सुन मैं सोते हुए बिस्तर पर खड़ा हो गया और बोला- ” अरे अरे रुको, मुझे कुछ देकर तो जाओ..!”
भगवान खीझ में बोला- ” मैं तो उसी के लिए आया था पर तेरे चाल चलन से लग नहीं रहा कि तू इस लायक है..!”
” नहीं नहीं भगवान जी मुझे कुछ चाहिए, मेरे पास कुछ नहीं है ना बंगला है ना गाड़ी है ना गरम चाय की प्याली है..!”
मुझे अपने सामने गिड़गिड़ाते हुए देख भगवान बोला- ” बेटा तुम्हारी यही औकात है, इसलिए जल्दी से बक दो क्या चाहिए बरना उमर भर गाते रहना थोड़ी सी तो लिफ्ट करा दे और पीछे तीर खाते रहना..”
भगवान बोला- ” चल ठीक है मांग जल्दी से जो लेना है ले और खुश रह..!”
भगवान की अनुकंपा देख मेरा हृदय द्रवित हो गया और आँखों से आंसू बहने लगे। जिन्हें देख भगवान बोला- ” ये ड्रामा ज्यादा ना कर, मैं जा रहा हूँ तू रोता रह..!”
भगवान की इस खीझ को देखकर मुझे लगा शायद नाना पाटेकर और भगवान एक जैसे हैं सनकी प्रकार के। इसलिए मैंने जल्दी से अपने आंसू पौंछे और सोचने लगा क्या मांगू क्या मांगू..?
मुझे सोचता हुआ देखकर भगवान बोला- ” पूरी जिंदगी भर की शॉपिंग अभी कर लेगा या बाद के लिए भी कुछ छोड़ेगा..?”
मैं कुछ नहीं बोला बस सोचता रहा और लक्ष्य पर अर्जुन की तरह नजरें गड़ाए रखा, रोल्स रॉयस, अटिला बंगला, एलन मस्क, जोफ़ बेजोस , ब्लादिमीर पुतिन या शेलिना गोम्स…!” ऐसे ही तमाम ख्याल मेरे दिमाग में भरे चले आ रहे थे। तभी भगवान जोर से बोला- ” शेलिना गोम्स दे दूं..?
मैंने तुरंत सोचा, ” यार हाड़ मांस की देह का क्या करूँगा एक दिन झूर्रियाँ पड़ जाएगी, सब मजा खराब हो जाएगा..”
भगवान फिर बोला- ” रोल्स रॉयस दे दूं..?”
मैंने सोचा, ” यार सब कार एक सी होती है, चार दिन का शौक है फिर वही बोरिंग जिंदगी..!”
” ब्लादिमीर पुतिन बना दूँ..?”
मैंने सोचा, ” यार पूरी दुनिया पीछे पड़ी है बेचारे के और अब बूढ़ा भी हो चला क्या फायदा..?”
” ऐलन मस्क बना दूँ..?”
” ऐलन मस्क..! यार फिर वही झंझट ट्विटर खरीदो रॉकेट बेचो..!”
” ब्रेड पिट बना दूँ..?”
एक बार लगा ये सही है, भाई मजा आ जाएगा, दुनिया की सभी लड़कियों के सपने का राजकुमार हो जाऊंगा..!
तभी भगवान बोला- ” मूरख तेरे पास है तो कुछ नहीं खाएगा पीएगा क्या, उसकी भी तो सोच..?”
भगवान की बात मुझे सटीक लगी साथ ही मैंने भगवान का शुक्रिया भी किया कि बता अगला फ़्री में दे भी रहा है और साथ में सोचने में मदद भी कर रहा है। इसलिए मैं और सोचने लगा किंतु मेरी सोच में कुछ आ ही नहीं रहा था, कभी शेर बनजाऊँ, कभी बाज बनजाऊँ, कभी दुनिया का सबसे शक्तिशाली आदमी बन जाऊं… यही सब दिमाग में धड़ाधड़ धड़ाधड़ सोच विचार बनकर दौड़ लगाए जा रहा था। तभी भगवान मुझसे बोला- ” मैं ऐसे ही खड़ा रहूँ या जाऊं, मुझे नहीं लगता तू कुछ माँग पाएगा..!”
अब तो मैं भी गुस्सा हो गया और खीझते हुए बोला- ” क्या मांगू, सब तो सबने मांग कर देख लिया क्या हुआ वही ढाक के तीन पात..!”
मेरी बात सुन भगवान भ्रमित हो गया और बोला- ” किसने क्या मांग लिया, मुझे भी तो बता तू किसकी बात कर रहा है..?”
” देख रावण ने अमृत मांग लिया, रक्तबीज ने अमरता माँग ली, हिरण्यकश्यप ने मौत बाँध ली, सावित्री ने पति माँग लिया.. मगर क्या हुआ..?”
मेरी बात सुन भगवान की आँखें खुली रह गयी और भगवान आस्चर्य से बोला- ” भाई मैं तो तुझे ऐसा वैसा ही समझ रहा था, तू तो बहुत पहुंची चीज निकला, बता इतिहास की सोच विचार कर माँग रहा है, भाई तुझे मान गया..”
अब मैं फिर से खीझ कर बोला- ” मान गया तो फिर कल सुबह आना तब तक मैं सोच लुंगा..!”
मेरी बात सुन भगवान इतनी जोर से चीखा कि सुबह ही सुबह मेरा पजामा गीला कर दिया होता और बोला- ” मैं अमेजोन का डिलीबरी बॉय हो रहा हूँ सो आज दरवाजा बंद है तो कल आ जाऊंगा, आज माँगना है मांग ले फिर नही आऊंगा..!”
भगवान की बात सुन मेरे ऊपर प्रेशर हो बढ़ गया तभी भगवान प्यार से बोला- ” जा पहले हल्का होले या शायद तब तेरी समझ कुछ आ जाए..”
भगवान की यह दयालुता देख मेरा मन प्रशन्न हो गया, ” कि भाई ये तो सच्चा बाप है, डाँटता है तो प्यार भी करता है..!” इसलिए मैं जल्दी से बिस्तर से खड़ा हुआ और पजामा गीला ना हो जाए इसलिए संभलता हुआ गया और हल्का होकर आ गया..! हल्का होकर ऐसा लगा जैसे कितनी बड़ी खुशी मिल गयी, सारे दुख दूर हो गए सभी प्रकार के दबाव से मुक्त हो गया। तभी मैंने सोचा- ” यार इस भौतिक जगत में क्या रखा है सब माया है..!” और इससे ज्यादा नहीं सोचा क्योकि भगवान मन की बात जान जाता। तभी भगवान मुस्कुराया और बोला- ” वत्स मैं कितनी देर से तुझे सही मार्ग पर लाने की कोशिश कर रहा था, आखिर मैं तू आ ही गया..बता अब तुझे मोक्ष चाहिए, मेरे चरणों में स्थान चाहिए, समुद्र में बूंद की तरह मिलना है, आत्मा को परमात्मा से मिलाना है, जीवन चक्रों से मुक्ति पानी है..कितने अच्छे और स्वच्छ विचार है वत्स तेरे, इसलिए जल्दी कर अब माँग ले और मेरे ही साथ चल मेरे धाम इस मायावी और मृत्यु लोक को छोड़कर..!”
भगवान के चेहरे पर इस खुशी को देख मेरा मन खुशी से झूम उठा कि मुझे जो चाहिए अब वही मिलने वाला है। इसलिए मांगने से पहले कंफर्म करने के लिए मैंने भगवान से पूछा- ” भगवान जो मांगूंगा वही दोगे..?”
” वत्स मैं तेरे अंदर की विरह पीड़ा को समझ रहा हूँ इसलिए माँग ले संकोच ना कर। जैसे ही तू मांगेगा वैसे ही मैं तथास्तु कह दूंगा..!”
भगवान का आस्वासन पाकर मैं तो खुशी से झूम उठा मैं मांगने के लिए तैयार हो गया और भगवान तथास्तु कहने के लिए तैयार हो गया।
भगवान अपना दाहिना हाथ आगे कर बोले- ” माँग वत्स माँग, अब दोनों एक साथ ही चलेंगे..!”
मैंने कहा, ” माँग लू..?”
” हाँ एक झटके में बोल दे, सबास बेटा..!” भगवान मेरी हिम्मत बढाते हुए बोले
” भगवान मैं भगवान बन जाऊं और तुम भगवानदास बन जाओ जो रामलीला में मारीच का भेष धरता है, जिसके पास अपना घर भी नहीं है और दारू पी कर सड़क पर भूखा प्यासा पड़ा रहता है..”
” तथास्तु वत्स ऐसा ही हो..!” भगवान ने बिना सोचे समझे एक झटके में आशीर्वाद दे दिया और फिर आशीर्वाद देते ही भगवान बड़े बड़े घरों की सड़क के सामने दारू पी कर पड़े भगवान दास बन गए और मैं भगवान बन गया..
और पता है वो भगवान दास कौन था..?
मैं ही था….
हा… हा…. हा…..