Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 May 2021 · 2 min read

भगवान श्री परशुराम जयंती

मानवता के अस्तित्व पर, जब जब संकट आता है
सत्ता शासन की प्रभुता में, अहंकार बढ़ जाता है
अन्याय अत्याचार का, अतिरेक हो जाता है
मानवता की रक्षा को, जगदीश्वर स्वयं आ जाता है
दशावतार कथा का हमको, मर्म यही बतलाता है
भारतीय वांग्मय वेद पुराण, रहस्य यही दोहराता है
कार्तिवीर्य सहस्त्रार्जुन को, जब सत्ता का अहं बड़ा
निरंकुश हुई सत्ताशाही, मनमानी पर उतर पड़ा
शिकार खेलते एक बार, जमदग्नि आश्रम पहुंच गया
स्वागत सत्कार और सेवा से, सहस्त्रार्जुन चौंक गया
राज महल जैंसी व्यवस्था, आश्रम में कहां से होती है
कहां से आया यह वैभव,सत्ता से भी यह अछूती है
इस महाघोर बन में राजन, यह कामधेनु सब देती है
राजन सारा धन वैभव, मनमाना सुख देती है
पड़ गई कुदृष्टि कामधेनु पर, बलपूर्वक ऋषि से लाया
अपने बल और सत्ता का, अहंकार दबा ना पाया
जमदग्नि रेणुका पुत्र, विष्णु के छठवें अवतारी थे
भृगु पौत्र परशुराम, शास्त्र शस्त्र धारी थे
शिव शंकर थे गुरु, उनसे ही उनको परशु मिला
धनुर्विद्या और धनु का, एक सुंदर उपहार मिला
अन्याय अनाचार मिटाने, शिव से ही वरदान मिला
मात-पिता पर अन्याय की, जब खबर उन्होंने पाई
तनी भृकुटी परशुराम की , सहस्त्रार्जुन से लड़ी लड़ाई
काटीं सहस्त्र भुजाएं उसकी, सेना मार भगाई
ले आए कामधेनु छुड़ाकर, देरी नहीं लगाई
सहस्त्रार्जुन पुत्रों ने, पिता की मौत का बदला लेने
मात-पिता भाई बहनों का, धोखे से बध कर डाला
परशुराम के क्रोध में, ऐसे कृत्यों ने घी डाला
ले लिया प्रण परशुराम ने, क्षत्रिय हीन धरा का
अन्याय अत्याचार दमन, निरंकुश राज मिटाने का
21 बार लड़ी लड़ाई, आतंक मुक्त धरा कराई
कश्यपमुनि को धरा दान दे,अश्वमेध की ज्योति जलाई
नहीं राज के पीछे भागे, तप से तृप्ति पाई
त्रेता युग से द्वापर तक, रहे जगत पर छाई
त्रेता युग में श्री राम मिले, द्वापर कृष्ण कन्हाई
भीष्मपितामह कर्ण सरीखे, शिष्यों की अमरकथाएं हैं
रामायण, महाभारत, भागवत पुराण,
और कल्कि पुराण में उनकी अनंत कथाएं हैं।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
5 Likes · 7 Comments · 229 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
View all
You may also like:
याद रे
याद रे
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
296क़.*पूर्णिका*
296क़.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
उस वक़्त मैं
उस वक़्त मैं
gurudeenverma198
मौन अधर होंगे
मौन अधर होंगे
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
फितरत से बहुत दूर
फितरत से बहुत दूर
Satish Srijan
मुझे लगता था
मुझे लगता था
ruby kumari
अगर
अगर "स्टैच्यू" कह के रोक लेते समय को ........
Atul "Krishn"
हास्य-व्यंग्य सम्राट परसाई
हास्य-व्यंग्य सम्राट परसाई
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
कुत्ते
कुत्ते
Dr MusafiR BaithA
मां से ही तो सीखा है।
मां से ही तो सीखा है।
SATPAL CHAUHAN
तुम मेरी
तुम मेरी
हिमांशु Kulshrestha
अपनी क़ीमत
अपनी क़ीमत
Dr fauzia Naseem shad
दुख में भी मुस्कुराएंगे, विपदा दूर भगाएंगे।
दुख में भी मुस्कुराएंगे, विपदा दूर भगाएंगे।
डॉ.सीमा अग्रवाल
अगर सड़क पर कंकड़ ही कंकड़ हों तो उस पर चला जा सकता है, मगर
अगर सड़क पर कंकड़ ही कंकड़ हों तो उस पर चला जा सकता है, मगर
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
@घर में पेड़ पौधे@
@घर में पेड़ पौधे@
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मधुमास में बृंदावन
मधुमास में बृंदावन
Anamika Tiwari 'annpurna '
* तुगलकी फरमान*
* तुगलकी फरमान*
Dushyant Kumar
तेरे संग बिताया हर मौसम याद है मुझे
तेरे संग बिताया हर मौसम याद है मुझे
Amulyaa Ratan
कमियाबी क्या है
कमियाबी क्या है
पूर्वार्थ
आलेख-गोविन्द सागर बांध ललितपुर उत्तर प्रदेश
आलेख-गोविन्द सागर बांध ललितपुर उत्तर प्रदेश
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
दुआ सलाम
दुआ सलाम
Dr. Pradeep Kumar Sharma
☄️ चयन प्रकिर्या ☄️
☄️ चयन प्रकिर्या ☄️
Dr Manju Saini
स्वयं के हित की भलाई
स्वयं के हित की भलाई
Paras Nath Jha
ये मौसम ,हाँ ये बादल, बारिश, हवाएं, सब कह रहे हैं कितना खूबस
ये मौसम ,हाँ ये बादल, बारिश, हवाएं, सब कह रहे हैं कितना खूबस
Swara Kumari arya
तू मेरे इश्क की किताब का पहला पन्ना
तू मेरे इश्क की किताब का पहला पन्ना
Shweta Soni
#कहमुकरी
#कहमुकरी
Suryakant Dwivedi
बीते हुए दिनो का भुला न देना
बीते हुए दिनो का भुला न देना
Ram Krishan Rastogi
समय यात्रा: मिथक या वास्तविकता?
समय यात्रा: मिथक या वास्तविकता?
Shyam Sundar Subramanian
हमने तो उड़ान भर ली सूरज को पाने की,
हमने तो उड़ान भर ली सूरज को पाने की,
Vishal babu (vishu)
🙅चलो रायबरेली🙅
🙅चलो रायबरेली🙅
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...