भगवान भी इंसान से परेशान हैं ।
जिंदगी की जंग में जो पहलवान है ।
जीने की जुगत में कितने परेशान हैं ।
धन ही नहीं सब कुछ जीवन समझ लो
इंसानियत रहे जिंदा वही इंसान है ।।
भूखे से पूछिये कैसे कट रही जिंदगी
रोटी तलाशना यहाँ नहीं आसान है ।
कुछ दंभ में भरे अमीर बन गए
जानता हूँ यहाँ सभी मेहमान हैं।
कुछ तो मेहनत कश कमाते थके हुए
कही दिखे लोग बड़े हैवान है ।
मानव तुम्हारे काम से सब है चकित हुए
भगवान भी इंसान से परेशान हैं ।
विन्ध्य प्रकाश मिश्र#विप्र #