Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Mar 2019 · 1 min read

भगत सिंह का आह्वान जन्मभूमि को

मेरा कुछ नहीं यहाँ सब कुछ तो तेरा है
मेरा जीवन तो केवल यहाँ बसेरा है
तेरी कृपाओं ने मुझे चारो ओर से घेरा है
तू नहीं तो मेरे लिए फिर सब अंधेरा है
मैं रहूँ या ना रहूँ पर तू स्वाभिमान मेरा है
घनघोर अंधकार के बाद उज्ज्वल सवेरा है।

तेरा ऋण परम और मैं हूँ अकिंचन
तेरी महिमा का कानों में मेरे फिर गुंजन
प्रतिज्ञ हूँ अब और करता नहीं मैं मंथन
मृत्यु का भी सहर्ष स्वीकार मुझे आलिंगन
किंचितमात्र भी कफन का नहीं मुझे चिंतन
नित्य शिश झुकाकर करता हूँ मैं तेरा वंदन।

ये धरती हुई है हरदम लालों से लाल
फिर भगत सिंह उसमें है सबसे बेमिसाल
मुझमें भी हो जाए फिर ऐसा एक कमाल
मैं भी तो हूँ तेरी ही कोख का नौनिहाल
शक्ति दे मुझे अब रूप धरूँ मैं विकराल
अर्पित है यह जीवन तुझको तू ही मुझे सम्भाल।

पूर्णतः मौलिक स्वरचित सृजन
आदित्य कुमार भारती
टेंगनमाड़ा, बिलासपुर, छ.ग.

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 246 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कुदरत मुझको रंग दे
कुदरत मुझको रंग दे
Gurdeep Saggu
*दुआओं का असर*
*दुआओं का असर*
Shashi kala vyas
मां
मां
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
मुझसे जुदा होने से पहले, लौटा दे मेरा प्यार वह मुझको
मुझसे जुदा होने से पहले, लौटा दे मेरा प्यार वह मुझको
gurudeenverma198
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Phool gufran
■ इन दिनों...
■ इन दिनों...
*Author प्रणय प्रभात*
नया साल
नया साल
Mahima shukla
कालजई रचना
कालजई रचना
Shekhar Chandra Mitra
** शिखर सम्मेलन **
** शिखर सम्मेलन **
surenderpal vaidya
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
*🌹जिसने दी है जिंदगी उसका*
*🌹जिसने दी है जिंदगी उसका*
Manoj Kushwaha PS
*हिंदी मेरे देश की जुबान है*
*हिंदी मेरे देश की जुबान है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सताती दूरियाँ बिलकुल नहीं उल्फ़त हृदय से हो
सताती दूरियाँ बिलकुल नहीं उल्फ़त हृदय से हो
आर.एस. 'प्रीतम'
मुस्कुराने लगे है
मुस्कुराने लगे है
Paras Mishra
खाली सूई का कोई मोल नहीं 🙏
खाली सूई का कोई मोल नहीं 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
"दण्डकारण्य"
Dr. Kishan tandon kranti
खिन्न हृदय
खिन्न हृदय
Dr.Pratibha Prakash
आओ न! बचपन की छुट्टी मनाएं
आओ न! बचपन की छुट्टी मनाएं
डॉ० रोहित कौशिक
श्रेष्ठ वही है...
श्रेष्ठ वही है...
Shubham Pandey (S P)
अनेकता में एकता 🇮🇳🇮🇳
अनेकता में एकता 🇮🇳🇮🇳
Madhuri Markandy
प्यार दर्पण के जैसे सजाना सनम,
प्यार दर्पण के जैसे सजाना सनम,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
नवल प्रभात में धवल जीत का उज्ज्वल दीप वो जला गया।
नवल प्रभात में धवल जीत का उज्ज्वल दीप वो जला गया।
Neelam Sharma
🌷🙏जय श्री राधे कृष्णा🙏🌷
🌷🙏जय श्री राधे कृष्णा🙏🌷
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
जी चाहता है रूठ जाऊँ मैं खुद से..
जी चाहता है रूठ जाऊँ मैं खुद से..
शोभा कुमारी
अयोध्या धाम
अयोध्या धाम
Mukesh Kumar Sonkar
क़ीमत नहीं होती
क़ीमत नहीं होती
Dr fauzia Naseem shad
ख्वाब को ख़ाक होने में वक्त नही लगता...!
ख्वाब को ख़ाक होने में वक्त नही लगता...!
Aarti sirsat
*सौ वर्षों तक जीना अपना, अच्छा तब कहलाएगा (हिंदी गजल)*
*सौ वर्षों तक जीना अपना, अच्छा तब कहलाएगा (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
2846.*पूर्णिका*
2846.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
पतझड़ की कैद में हूं जरा मौसम बदलने दो
पतझड़ की कैद में हूं जरा मौसम बदलने दो
Ram Krishan Rastogi
Loading...