भक्ति भावना
भक्ति भावना…
…………………..
मन तूं इतना सा एहसास रहने दे,
भक्त हूँ जगतजननी का आभास रहने दे
मैं मैं हूँ, तु तूं है
ब्यर्थ है सोचना अभी,
इस जीवन को “सचिन” भक्ति के नाम रहने दे।
…………पं.संजीव शुक्ल “सचिन”
भक्ति भावना…
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मन तूं इतना सा एहसास रहने दे,
भक्त हूँ जगतजननी का आभास रहने दे
मैं मैं हूँ, तु तूं है
ब्यर्थ है सोचना अभी,
इस जीवन को “सचिन” भक्ति के नाम रहने दे।
…………पं.संजीव शुक्ल “सचिन”