भक्ति की राह
भ्रम में जीने को विवश
है जगत का हर जीव
ईश्वर की माया से घिरा
वह हर तरफ से अतीव
सुख, दुख, हर्ष, विषाद
का चक्र चलता लगातार
ऊपर अनंत में बैठा प्रभु
ही इन सबका है दातार
ऋषि,मुनि,सिद्ध संत सब
दिखा गए भक्ति की राह
इसके बल पर ही मनु को
मिले सुख शांति अथाह
ईश्वर की कृपा से ही चले
मन पकड़ भक्ति की राह
अन्यथा भटके इधर उधर
बना उद्विग्नता का प्रवाह
हे प्रभु भ्रम से दूर रखके
देना निज चरणों में प्रीति
आप की कृपा से पा सकूं
इस भव सागर में सद्गति