*भंडारे की पूड़ियॉं, हलवे का मधु स्वाद (कुंडलिया)*
भंडारे की पूड़ियॉं, हलवे का मधु स्वाद (कुंडलिया)
भंडारे की पूड़ियॉं, हलवे का मधु स्वाद
गंगाफल जिसने चखा, रहता बरसों याद
रहता बरसों याद, रायता पीते प्यारा
आलू-सब्जी वाह, वाह आयोजन सारा
कहते रवि कविराय, धन्य वे सज्जन सारे
सावन में हर साल, कर रहे जो भंडारे
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451