Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Sep 2016 · 1 min read

बड़ी श्रद्धा से पुरखों को हम अपने याद करते हैं

बड़ी श्रद्धा से पुरखों को हम अपने याद करते हैं
न हमसे रुष्ट हो जाना यही फ़रियाद करते हैं
नहीं सेवा बुजुर्गों की जो जीते जी कभी करते
बड़े सम्मान से पर श्राद्ध उनके बाद करते हैं
डॉ अर्चना गुप्ता

Language: Hindi
256 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all
You may also like:
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"इफ़्तिताह" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
सात जन्मों तक
सात जन्मों तक
Dr. Kishan tandon kranti
आ बैठ मेरे पास मन
आ बैठ मेरे पास मन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
दोहा-विद्यालय
दोहा-विद्यालय
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
2482.पूर्णिका
2482.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
Jay prakash dewangan
Jay prakash dewangan
Jay Dewangan
मेले
मेले
Punam Pande
Chehre se sundar nhi per,
Chehre se sundar nhi per,
Vandana maurya
अंगदान
अंगदान
Dr. Pradeep Kumar Sharma
!! सत्य !!
!! सत्य !!
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
यादों के झरोखों से...
यादों के झरोखों से...
मनोज कर्ण
ग्वालियर, ग्वालियर, तू कला का शहर,तेरी भव्यता का कोई सानी नह
ग्वालियर, ग्वालियर, तू कला का शहर,तेरी भव्यता का कोई सानी नह
पूर्वार्थ
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
पथ सहज नहीं रणधीर
पथ सहज नहीं रणधीर
Shravan singh
रामभक्त शिव (108 दोहा छन्द)
रामभक्त शिव (108 दोहा छन्द)
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
😊चमचा महात्म्य😊
😊चमचा महात्म्य😊
*Author प्रणय प्रभात*
जिनके जानें से जाती थी जान भी मैंने उनका जाना भी देखा है अब
जिनके जानें से जाती थी जान भी मैंने उनका जाना भी देखा है अब
Vishvendra arya
रमणीय प्रेयसी
रमणीय प्रेयसी
Pratibha Pandey
घबराना हिम्मत को दबाना है।
घबराना हिम्मत को दबाना है।
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मेरी बेटियाँ
मेरी बेटियाँ
लक्ष्मी सिंह
उससे मिलने को कहा देकर के वास्ता
उससे मिलने को कहा देकर के वास्ता
कवि दीपक बवेजा
💐प्रेम कौतुक-327💐
💐प्रेम कौतुक-327💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
फूलों की है  टोकरी,
फूलों की है टोकरी,
Mahendra Narayan
*सूने घर में बूढ़े-बुढ़िया, खिसियाकर रह जाते हैं (हिंदी गजल/
*सूने घर में बूढ़े-बुढ़िया, खिसियाकर रह जाते हैं (हिंदी गजल/
Ravi Prakash
पल पल रंग बदलती है दुनिया
पल पल रंग बदलती है दुनिया
Ranjeet kumar patre
Believe,
Believe,
Dhriti Mishra
कर रहे हैं वंदना
कर रहे हैं वंदना
surenderpal vaidya
गुरुजन को अर्पण
गुरुजन को अर्पण
Rajni kapoor
तेवरी को विवादास्पद बनाने की मुहिम +रमेशराज
तेवरी को विवादास्पद बनाने की मुहिम +रमेशराज
कवि रमेशराज
Loading...