Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Dec 2017 · 1 min read

बड़ा शुभ दिन है आज

बड़ा शुभ दिन है आज
मेरे घर में है लक्ष्मी का वास..
शुभ कदमों से उसके ..
मेरा जीवन हुआ आबाद ..
बड़ा धन वान हूँ मैं !
वो घर मेरे आई ..
कुछ लोगों ने मुझे दी ढेरों बधाई ..
और ..
कुछ ने चिंता भी जताई …
जैसे घर में मेरे नहीं ,
उनके हैं बिटिया आई ..

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 286 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्रेम विवाह करने वालों को सलाह
प्रेम विवाह करने वालों को सलाह
Satish Srijan
तू सहारा बन
तू सहारा बन
Bodhisatva kastooriya
"दर्पण बोलता है"
Ekta chitrangini
!!! सदा रखें मन प्रसन्न !!!
!!! सदा रखें मन प्रसन्न !!!
जगदीश लववंशी
#ॐ_नमः_शिवाय
#ॐ_नमः_शिवाय
*Author प्रणय प्रभात*
तारिणी वर्णिक छंद का विधान
तारिणी वर्णिक छंद का विधान
Subhash Singhai
रमेशराज के समसामयिक गीत
रमेशराज के समसामयिक गीत
कवि रमेशराज
बस यूं ही
बस यूं ही
MSW Sunil SainiCENA
शराब मुझको पिलाकर तुम,बहकाना चाहते हो
शराब मुझको पिलाकर तुम,बहकाना चाहते हो
gurudeenverma198
रात का आलम था और ख़ामोशियों की गूंज थी
रात का आलम था और ख़ामोशियों की गूंज थी
N.ksahu0007@writer
जिंदगी की सड़क पर हम सभी अकेले हैं।
जिंदगी की सड़क पर हम सभी अकेले हैं।
Neeraj Agarwal
There are few moments,
There are few moments,
Sakshi Tripathi
कुछ पल
कुछ पल
Mahender Singh
अपनी धरती कितनी सुन्दर
अपनी धरती कितनी सुन्दर
Buddha Prakash
मै ठंठन गोपाल
मै ठंठन गोपाल
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
शुरुआत जरूरी है
शुरुआत जरूरी है
Shyam Pandey
#justareminderdrarunkumarshastri
#justareminderdrarunkumarshastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*अंजनी के लाल*
*अंजनी के लाल*
Shashi kala vyas
आओ बैठें ध्यान में, पेड़ों की हो छाँव ( कुंडलिया )
आओ बैठें ध्यान में, पेड़ों की हो छाँव ( कुंडलिया )
Ravi Prakash
307वीं कविगोष्ठी रपट दिनांक-7-1-2024
307वीं कविगोष्ठी रपट दिनांक-7-1-2024
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
आ रे बादल काले बादल
आ रे बादल काले बादल
goutam shaw
कहाँ से लाऊँ वो उम्र गुजरी हुई
कहाँ से लाऊँ वो उम्र गुजरी हुई
डॉ. दीपक मेवाती
तुम कहो कोई प्रेम कविता
तुम कहो कोई प्रेम कविता
Surinder blackpen
शायरी - संदीप ठाकुर
शायरी - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
"शब्दों का संसार"
Dr. Kishan tandon kranti
नींद आए तो सोना नहीं है
नींद आए तो सोना नहीं है
कवि दीपक बवेजा
ऐ भाई - दीपक नीलपदम्
ऐ भाई - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
प्रेम
प्रेम
Rashmi Sanjay
तारे दिन में भी चमकते है।
तारे दिन में भी चमकते है।
Rj Anand Prajapati
स्वप्न मन के सभी नित्य खंडित हुए ।
स्वप्न मन के सभी नित्य खंडित हुए ।
Arvind trivedi
Loading...