बड़ा बैचैन सा हूँ मैं….
बड़ा बेचैन सा हूँ मैं…
बड़ा बेचैन-सा हूँ मैं
बड़ी बेताब तुम भी हो
अगर हूँ खास मैं तेरा
तो मेरा राज तुम भी हो ।
अगर जो बात मैं तेरी
मेरा हर लफ़्ज तुम भी हो
धड़कती जी मेरी सांसे
तो मेरी नब्ज़ तुम भी हो ।
मेरा हर पल तेरे ख़ातिर
तेरा हर पल तो मैं ही हूँ
अगर जो आज तू मेरा
तो तेरा कल तो मैं ही हूँ ।
तुम्हें अपना मैं कहता हूँ
तुम मुझे जान कहती हो
हो गुरुर तुम मेरा
तुम मुझे जान कहती हो ।
तुम्हें देखूं संवरता हूँ
मुझे देखो संवरती हो
मैं तुम्हें प्यार करता हूँ
तुम मुझे प्यार करती हो ।
कवि
दीपक मेवाती
तावड़ू, मेवात, हरियाण