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6 Nov 2018 · 1 min read

बड़ा बैचैन सा हूँ मैं….

बड़ा बेचैन सा हूँ मैं…

बड़ा बेचैन-सा हूँ मैं
बड़ी बेताब तुम भी हो
अगर हूँ खास मैं तेरा
तो मेरा राज तुम भी हो ।

अगर जो बात मैं तेरी
मेरा हर लफ़्ज तुम भी हो
धड़कती जी मेरी सांसे
तो मेरी नब्ज़ तुम भी हो ।

मेरा हर पल तेरे ख़ातिर
तेरा हर पल तो मैं ही हूँ
अगर जो आज तू मेरा
तो तेरा कल तो मैं ही हूँ ।

तुम्हें अपना मैं कहता हूँ
तुम मुझे जान कहती हो
हो गुरुर तुम मेरा
तुम मुझे जान कहती हो ।

तुम्हें देखूं संवरता हूँ
मुझे देखो संवरती हो
मैं तुम्हें प्यार करता हूँ
तुम मुझे प्यार करती हो ।

कवि
दीपक मेवाती
तावड़ू, मेवात, हरियाण

Language: Hindi
5 Likes · 2 Comments · 667 Views
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