बज़्म 2
हमने सुन ली तुम भी सुन लो
अपने दिल से अज़ब कहानी
छूट जाये तो कहना मन से बेईमानी
दिख रहा है सतत खडा है सुनो कहानी
फितरत देती मंशा देखी
निर्णय लेती फैसले सुनाती
कोई हँसे किसी को रुलाती
मेहनत को आधार बताती
खुद निर्भार ही रहती
न पाई लेती न पाई लौटाती
होगा हाथापाई से दूर रहती
बात जब कोई उसे अखरती
तबाही का मंजर धरती
हमने सुन ली तुम भी सुन लो
अपने दिल से अज़ब कहानी
डॉ. महेन्द्र सिंह हंस