“ब्रेजा संग पंजाब”
“ब्रेजा संग पंजाब”
वर्ष 2022 के अगस्त महीने में
नई कार ब्रेज़ा 2022 घर आई
लाल रंग की सुंदर चमकीली कार
गुणवत्ता में स्मार्ट हाईब्रिड बताई,
मारुति की है यह दमदार पेशकश
जो चाही हमने वही सुविधा दिलाई
मारुति एरिना से निकली जब बाहर
बैठ सीट पर मीनू फूली नहीं समाई,
रूफटॉप देखकर रानू रोमी हुए खुश
इसकी मतवाली चाल राज के मन भाई
लक्की भी अंदर बैठने को मचला जाए
उसकी भी तत्काल कार में गद्दी लगाई,
हवा में उड़ने का मन कर रहा सबका
घूमने की तभी हमने योजना थी बनाई
राजस्थान से बाहर का बना फिर प्लान
काले हनुमान की कार ने धोक लगाई,
उज्जैन शिव भगवान के कर दर्शन
जय जय महाकाल की धुन बजाई
वहीं से सीधे चितोड़गढ़ हुए रवाना
सांवलिया सेठ के दर हाजिरी लगाई,
चितोड़गढ़ किला देख मन हुआ खुश
गाड़ी वापिस हमने जयपुर को घुमाई
एक दिन रुक कर फिर आगे चले हम
कार हरियाणा से होकर पंजाब तक चलाई,
हरियाणा पंजाब बॉर्डर पर रतिया आया
नाम ने मीनू के दिमाक में हलचल मचाई
कभी कहे रेवती कभी बोले उसे रायता
पूरे रास्ते रतिया ने सबकी हंसी छुड़ाई,
मौसम हुआ सुहाना शाम को यकायक ही
रोमी ने इंद्र्धनुष दिखने की बात बताई
रानू को दिखे दो बादल जॉन और मर्की
सनसैट ने अलग ही नभ में ताजगी बिखराई,
कई बादल दिखे हिरण और हिप्पो ज्यों
लेमन और चेरी रानू ने उनकी पहचान बताई
दोनों बने फिर जॉन और मर्की के दोस्त
उन सबने मिलकर शाम मदहोश बनाई,
बूढलाडा होटल में बीती पंजाबी रात
मेनू में हमने पंजाबी थाली मंगवाई
भोर फटते ही हुए अमृतसर को रवाना
स्वर्ण मंदिर तक हमने रिक्शा बुक कराई,
ठंडे पानी में हाथ पैर और मुंह को धोकर
गुरुद्वारे में माथा टेक अर्जी फिर लगाई
कटोरी में मिला हमें वहां शीतल जल
लंगर के प्रसाद ने प्रांगण में खुशबू फैलाई,
मंदिर में घूम कर गए जलियांवाला बाग़
मीनू इतिहास की घटना वहां ताजा कर पाई
बच्चों ने देखे अनगिनत गोलियों के निशान
अमर जवान ज्योति के पास फोटो खिंचवाई,
रात को बाजार की तंग गलियों में पैदल घूम
पंजाबी ड्रेस की खरीददारी रानू को करवाई
प्रभात में तैयार हो निकले दुर्गायिनी मंदिर
पुनिया परिवार संग राधे रानी की पूजा कराई,
शाम को पंहुचे भारत पाकिस्तान वाघा बॉर्डर
जिसने अटारी बार्डर के नाम से पहचान बनाई
तपती गर्मी में परेड सरमनी का उठाया लुत्फ
जय भारत, जय भारत की आवाज गूंज आई,
पाकिस्तानी रेंजर देख रानू रोमी हुए उत्सुक
बॉर्डर पर लगी हुई लोहे की तार दिखाई
हिंदुस्तानी जवानों को किया हमने सैल्यूट
हर परिस्थिति में हमारी हिफाजत जो कराई,
तीन दिवस के लघु अवकाश का था वह टूर
दिल ओ दिमाग पर लेकिन आज भी याद छाई
हरे भरे लहलहाते दिखे खेत खलिहान वहां
सारी याद मीनू अपनी कविता में समेट लाई।
Dr.Meenu Poonia