ब्रह्मेश्वर मुखिया / MUSAFIR BAITHA
ब्रह्मेश्वर मुखिया
{कुख्यात सवर्ण जातीय गिरोह, रणवीर सेना सरगना}
अपराध का चेहरा यह
उर्फ ऐसे ताज़े चेहरे की बात कीजिये तो
यह ब्रह्मेश्वर मुखिया या और
किसी का भी हो सकता है
जिसे देख समझना मुश्किल
सहज शांत चेहरा गुरु-गंभीर बहुधा
जो कुछ इस चेहरे को समझ लो आप
पर इस सौम्य चेहरे को असल चेहरे से जोड़ना
महज चेहरा देख बड़ा मुश्किल काम
चेहरों से लगे सारे मुहावरों के
अच्छे बुरे अर्थ आप
इस मुखिया के चेहरों को नाप गह सकते हैं
गर माप सको आप!
बोली-बानी धीर-गंभीर मगर
असहज उकसाऊ सवालों के संयत जवाब
प्रतिप्रशन भी यदा कदा लाजवाब
कि मैं क्या बाईस बाईस नरसंहारों का
सरगना नियोजक
और तीन सौ के नजदीक निरीह सिरों का क़त्ल करने वाला
हो सकूंगा मेरे माई-बाप
जो एक मक्खी तक मार न सका अबतक
ऐलान किया नहीं कि किसी अतिवादी संगठन का
रणवीर सेना का मुखिया तुखिया है वह
रहा करता वकालत सकल किसानों मजदूरों के हितचिन्तक होने की
किसी जाति विशेष से राग द्वेष रखने का
नहीं किया सार्वजनिक स्वीकार या कि ऐलान
अपनी हत्या पाने के दिन तक भी
जबकि जीवन का मूल ध्येय और एजेंडा ही रहा
भू, भू-भूपति और भू-जाति समेत द्विजत्व रक्षा का
कि जैसे, दलितों वंचितों के प्रति पैदा होते ही
पाल लिया था डाह और नफरतों का अथाह हाहाकारी सामंती विकार
चतुर सुजान सयाना इतना कि
लाख आतंक मचा रख छोड़ा उसने
पंचलखिया इनाम टांक डाले उसके सर चाहे शासन सरकार ने
कोई लख नही सका उसका चेहरा तबतक
जबतक चढ़ा नहीं वह पुलिस के हत्थे
और पकड़ा गया भी वह तब जाकर
उसी पुलिस की मदद ली शासन ने जो कभी
लाख लिया था उसका चेहरा रख नज़र सतर्क
मुखिया अब खुद नहीं है जिंदा
जिंदा कहावत है मगर वह
आज गब्बर की कथा सुना
बच्चों को डराने की नहीं जरूरत कम से कम बिहार में
गहें नए समय में मुहावरे नए डराने के
बच्चे क्या सयानों का भी मुंह सुखाइए
बस, उन्हें मुखिया की इस रणवीरसेनाई
कोई ऊहात्मक दास्तान सुनाइये!