ब्रह्मचारिणी माँ
ज्योतिर्मय भव्य रूप तुम्हारा
आचरण मय स्वरूप तुम्हारा
भक्त सिद्धों को भावे रूप
वैराग्य देती है तेरी उपासना
चन्द्रमौलि को भाये अराधना
पाकर पूरी हुई है कामना
ऋषि वृन्द सराहे तप तुम्हारा
किया साकार शिव ने सपन तुम्हारा
ज्योतिर्मय भव्य रूप तुम्हारा
आचरण मय स्वरूप तुम्हारा
भक्त सिद्धों को भावे रूप
वैराग्य देती है तेरी उपासना
चन्द्रमौलि को भाये अराधना
पाकर पूरी हुई है कामना
ऋषि वृन्द सराहे तप तुम्हारा
किया साकार शिव ने सपन तुम्हारा