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9 Dec 2024 · 1 min read

बौराया मन वाह में ,तनी हुई है देह ।

बौराया मन वाह में ,तनी हुई है देह ।
पाँव तले धरती नहीं ,खिसके सबके नेह ।।

डा. सुनीता सिंह’सुधा’

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