*दुर्भाग्य से बौनों ने पाया, उच्चतम-पदभार है (हिंदी गजल/गीत
दुर्भाग्य से बौनों ने पाया, उच्चतम-पदभार है (हिंदी गजल/गीतिका)
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(1)
दुर्भाग्य से बौनों ने पाया, उच्चतम-पदभार है
ईश्वर बचाए अब उन्हीं के, हाथ में पतवार है
(2)
शुभ-गर्जना पर शेर की, लो रोक देखो लग गई
लोमड़ी हर्षित है,भाव-विभोर आज सियार है
(3)
कानून जंगल का बना, नरभक्षियों के पक्ष में
सुनने में आया है कि हाकिम, हिंसकों का यार है
(4)
कुछ तो पूर्वाग्रह रहे होंगे जो आया फैसला
यदि तर्क जज सुनना न चाहे, तब बहस बेकार है
(5)
सिस्टम पुराना चल रहा है, आप क्या कर लीजिए
आपने वोटों से ही, चाहे चुनी सरकार है
(6)
आकाश ने धरती को, छल करके घुटन से भर दिया
उसको बताओ क्या उसे, इस बात का अधिकार है
(7)
कुरुक्षेत्र में सेना-निरीक्षण, पार्थ ने जब-जब किया
क्या युद्ध अपनों से लड़ूॅं, दुविधा खड़ी हर बार है
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर ( उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 999761 5451