नही हो पाषाण तुम
बोल देना
जब कुछ न लगे सही
कह देना
जो चाहती हो तुम कहना
बस तुम चुप मत रहना
जो नही सहना चाहिए
वो कभी मत सहना
बोल देना
जब कुछ लगे कि
अब है कहना
कोई तुम से करे सवाल
तो देना
उसकी हर शंका का समाधान तुम
बस यह मत सोचना कि
तुम्हें नही है कुछ कहना
रखना हृदय में भाव तुम
क्योंकि नही हो पाषाण तुम
रीति कहेगी तुम्हें सब है सहना
तुम कहना
बस अब है कहना….